जंगलों की सफाए के बाद अब तालाबो पर बुरी नजर
बिजावर/अरविंद अग्रवाल
कुछ लोगों द्वारा प्रकृति से खिलवाड़ करने के गंभीर नतीजे सामने आ रहे हैं। जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ेगा । ग्रामीण सहित नगरीय क्षेत्र में भी परंपरागत जल स्रोतों की अनदेखी भारी पड़ रही है। नगर के 2 ओर पहाड़ हैं, कभी यह पहाड़ घने वृक्षों से आच्छादित थे। लेकिन अंधाधुंध पेड़ों की कटाई के चलते यहां से पेड़ लगभग गायब हो चुके हैं। वहीं जल स्तर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तालाब भी दिनोंदिन सिकुड़ते जा रहे हैं।
सैकड़ों एकड़ भूमि को सिंचित करने वाला कृष्ण सागर ककरहटी तालाब के बहुत बड़े हिस्से पर अब अतिक्रमण हो गया है। तालाब में बड़े पैमाने पर बेतरतीब ढंग से मिट्टी का उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। वहीं तालाब के बहुत बड़े हिस्से पर अतिक्रमण कर खेती हो रही है। इसकी देखभाल का जिम्मा सिंचाई विभाग के पास है । इस तालाब से सैकड़ों एकड़ जमीन सिंचित होती रही । एक और जहां इस तालाब में पानी आने के रास्ते अतिक्रमण करके बंद कर दिए गए वही यहां का सल्लूक सालों से टूटा पड़ा है। जिस कारण तालाब का भराव क्षेत्र दिनों दिन कम होता चला गया।
इसी तरह नगर के वार्ड नंबर 8 में स्थित लोहरयाई तालाब भी अतिक्रमण की चपेट में है। यह सिकुड़कर आधी से भी कम बची है।इसी के साथ महोदत्त सागर राजा तालाब का भराव क्षेत्र भी काफी कम रह गया है। यही हाल मोहनगंज स्थित रमना के तालाब का भी है। तो वन क्षेत्र में बना बुद्धे का तालाब तो गायब हो चुका है। इस तालाब की बंधान के पत्थर तक जंगल माफिया ने निकाल कर बेच डाले। अब यह तालाब केवल इतिहास बनकर रह गया, मौके से नदारद है।
पोषक नहरें तोड़ी और किया अतिक्रमण:
कुछ ही समय पहले तक बेहतरीन जलस्तर के लिए जाने जाने वाले बिजावर नगरीय क्षेत्र की पुरानी बस्ती के अधिकांश घरों में कुएं रहे हैं। साथ ही आस-पास चोपरा और तालाब भी रहे हैं। जिसके चलते नगर जल समस्या से दूर था। लेकिन अब वह सूख रहे हैं। दो तरफ पहाड़ होने के चलते पहाड़ों का पूरा पानी नहरों के जरिए राजा का तालाब, ककरहटी तालाब और लोहरयाई तलैया तक पहुंचता था ।
लेकिन अतिक्रमण कारियों ने इन नहरों को ही तोड़ कर पहाड़ और आसपास का बारिश का पानी तालाब में आने के रास्ते बंद कर दिए। जिससे तालाबों का भराव क्षेत्र काफी कम हो गया, जिससे अतिक्रमणकारियों को तालाबों में खेती करने के लिए जगह मिल गई। पूर्व में कंजला पर्वत पर नहर बनवा कर बारिश के पानी को राजा के तालाब में ले जाने का इंतजाम किया गया था। जिसके अच्छे परिणाम आए थे। लेकिन लोगों ने इस नहर को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
इस संबंध में एसडीएम राहुल सिलाड़िया ने बताया कि जल्दी ही तालाबों का सीमांकन करवाया जाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा। तालाबों की पोषक नहरों को भी दुरुस्त करवाया जाएगा। तालाब पर वृक्षारोपण करने की भी योजना बनाई जा रही है ।