संतोष साहू,
नवी मुम्बई। कोरोना काल के दौरान दो वर्ष तक अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस बार संस्था की अध्यक्ष डॉ अलका पांडेय ने सभी साहित्यकारों को आमंत्रित कर ऑफ़लाइन गोष्ठी संपन्न करायी और देविका रो हाऊस कोपरखैरने, नवी मुम्बई (महाराष्ट्र) में वंसत ऋतु के उत्सव के रुप में मनाई गई।
गोष्ठी की अध्यक्षता सूर्यकांत शुक्ल ने की और मंच संचालन मंजू गुप्ता ने शानदार ढंग से किया। माँ शारदे की वंदना साहित्यकार पवन तिवारी ने कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। लॉकडाउन के बाद यह पहली गोष्ठी थी ऑनलाइन कवि सम्मेलन तो हो रहे थे पर दो साल बाद सब आपस में मिले कवियो में अरुण मिश्र अनुरागी ने श्रृंगार रस की कविता से वाह वाही बटोरी तो प्रेम रस की कविता से ओम प्रकाश पाण्डेय ने सबको हंसने पर विवश किया। युवा कवि अश्विन पाण्डेय ने सोशल मीडिया पर शानदार कविता सुनाकर वाह वाही बटोरी, चंद्रिका व्यास ने प्रतिज्ञा से सबको चकित किया वहीं पवन तिवारी ने प्यार के रंग बिखेरे और देश प्रेम की भावना जगाई। ऊषा सक्सेना ने भक्ति रस से वातावरण को भक्तिरस बनाया और सुशील शुक्ल ने फिर से प्रेम का इज़हार किया। अलका पाण्डेय ने माँ पर अपनी रचना सुनाई तो मंजू गुप्ता ने वसंत ऋतु का शानदार वर्णन किया। नवल किशोर मिश्र ने महाभारत पर आधारित बात कही तथा रत्नेश पाठक ने उनका साथ दिया।
सूर्यकांत शुक्ल अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ श्रृंगार रस की कविता सुनाई सूर्यकांत का और पवन तिवारी का स्वागत किया।
कार्यक्रम में सुशील शुक्ला व चंद्रिका व्यास ने पवन तिवारी के नए उपन्यास त्यागमयी हिडिम्बा पर चर्चा की। अलका पाण्डेय, चंद्रिका व्यास, ओमप्रकाश पांडेय, सूर्यकांत शुक्ल ने अपने अपने विचार हिडिम्बा पर रखें व पवन की लेखनी की खूब तारीफ़ हुई। चित्रा गुप्ता ने राष्ट्रगान गा कर गोष्ठी के समापन की घोषणा की। दो साल बाद मिलकर सब रचनाकारों के चेहरे प्रसन्नता से खिल गये थे।