31.1 C
Madhya Pradesh
May 17, 2024
Bundeli Khabar
Home » पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार
उत्तरप्रदेश

पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार

संतोष साहू/महाराष्ट्र,

  • 70 किमी के पंचकोसी मार्ग का होगा सम्पूर्ण विकास, 108 मुख्य मंदिरों, 44 धर्मशालाओं और कुंडों का किया जाएगा जीर्णोद्धार
  • धार्मिक यात्रा मार्ग के विकास से मिलेंगे रोजगार और व्यवसाय अवसर

मुम्बई। सनातन धर्म में पंचकोशी यात्रा का बहुत बड़ा महत्व है। काशी के ज्योतिर्लिंगाकार परिक्रमा पथ की यात्रा की तो विशेष मान्यता है। योगी सरकार बनारस की इस पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए प्रदेश की मंदिरों, कुंडों और यात्री निवास का सुंदरीकरण कराने जा रही है। सरकार वर्ष भर कई आयोजनों की भी योजना बना रही है। लगभग 70 किलोमीटर की इस धार्मिक मार्ग के विकास से रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि क़रीब 70 किलोमीटर की पंचकोसी यात्रा को श्रद्धालु नंगे पांव करते हैं। इसके पांच पड़ाव हैं- कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पांडव व कपिलधारा। पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है। इसके अलावा इस धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थल हैं। पंचकोसी परिक्रमा की ख़ास बात यह है कि इस यात्रा में सभी धार्मिक स्थल दाहिने तरफ स्थित हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पंचकोशी यात्रा को आसान करने के लिए इस धार्मिक मार्ग के सम्पूर्ण विकास की योजना बनाई है। इससे लोग साल भर इस धार्मिक यात्रा को कर सकेंगे। साथ ही लोगों को इसके महत्व का पता चल सकेगा।

सरकार पंचकोसी मार्ग पर कई तरह के आयोजनों के करने की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार और नए व्यवसाय के अवसर मिलेंगे। इससे वेलनेस सेंटर, रिसार्ट, होटल के अलावा पर्यटन सम्बंधित व्यवसाय को गति मिलेगी। वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस प्रदिक्षणा यात्रा के दौरान 108 मुख्य मंदिरों, 44 धर्मशाला ( तीर्थयात्री आश्रयों या रात्रि विश्राम) और कुंड पड़ते हैं। कुओं और चौपाल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। पड़ावों में ऐतिहासिक महत्व के सभी कुंडों को सजाया संवारा जाएगा। खुले स्थान या कथा स्थल में उद्यानों को लैंडस्केपिंग के माध्यम से खूबसूरत बनाया जाएगा। पड़ावों या मंदिरों के आसपास अस्थायी आश्रयों या बैठने की सुविधाओं का विकास होगा, जिससे श्रद्धालुओ को आरामदायक जगह मिलेगी।

इसके अलावा पंचकोसी तीर्थ श्रद्धालुओं को मार्ग पर साइनेज मिलेगा, जो उनको रास्ता दिखाएगा। पंचकोसी मार्ग के सभी धार्मिक स्थलों पर और पड़ाव पर उससे सम्बंधित पूरी जानकारी लिखी होगी। इसके अलावा बाहर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को वाराणसी में आते ही पंचकोसी मार्ग की जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप समेत कई जगह मिलेगी। राज्य पुरातत्व विभाग के माध्यम से उच्च स्थापत्य और पुरातात्विक मूल्य वाले सभी मंदिरों के संरक्षण की पहल होगी। पंचकोसी यात्रा के लिए विरासत प्रबंधन योजना तैयार होगी और पैदल यात्रा अनुकूल मार्ग का विकास किया जाएगा।

वीडीए की उपाध्यक्ष ने बताया कि इस योजना के लिए शासन को डीपीआर भेजा जा चुका है। अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। ये योजना तीन चरणों में पूरी होगी। योगी सरकार इसके लिए 55.93 करोड़ खर्च कर रही है। पहला चरण 9.92 करोड़ में, दूसरे चरण में 23.86 करोड़ और तीसरे चरण में 22.15 करोड़ से धार्मिक स्थलों व रिवर फ्रंट का जीर्णोद्धार और विकास का काम होगा।

Related posts

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जला ट्रांसफार्मर

Bundeli Khabar

ग्राम पंचायत सहायक भर्ती में फाइनल हो गए नाम, कल से पता चलेगा किसकाे मिली नौकरी

Bundeli Khabar

दिव्यांगों द्वारा आरक्षण खत्म करने के विरोध में धरना प्रदर्शन

Bundeli Khabar

Leave a Comment

error: Content is protected !!