जबलपुर/ब्यूरो
1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भारत को मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे हो रहे हैं,यही वजह है कि इस इसी जीत को भारतीय सेना स्वर्णिम विजय वर्ष के रुप में मना रही है,इसी सिलसिले में अमर जवान ज्योति से निकली 4 स्वर्णिम विजय मशालों में से एक विजय मशाल इन दिनों जबलपुर में है,1 अक्टूबर को जबलपुर पहुंची विजय मशाल के स्वागत में विविध आयोजन किए जा रहे है,इसी कड़ी में आज विजय मशाल जबलपुर छावनी से होकर छात्रों के बीच निजी क्षेत्र की यूनिवर्सिटी मंगलायतन में पहुंची,जहां एनसीसी के कैडेट्स के साथ छात्रों ने पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ विजय मशाल का स्वागत किया और वीर शहीदों को नमन किया,इस मौके पर 1971 के युद्ध मे पाकिस्तान को धूल चटाने वाले वीर रिटायर्ड कर्नल जीएस वासवान विशेष रूप से मौजूद थे,विजय फ्लेम के साथ छात्रों के बीच पहुंचे सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल एस मोहन ने कहा कि विजय मशाल के जरिए सेना का मकसद युवाओ को सेना और देश सेवा के लिए प्रेरित करना है,ताकि युवा सेना में शामिल होकर भारत माँ की सेवा करें।
जबलपुर मैं स्वर्णिम विजय वर्ष के हिस्से के रूप में डेयरडेविल्स द्वारा जबलपुर के गौरीशंकर परेड ग्राउंड में अपने हैरतअंगेज बाइक राइडिंग से दर्शकों का मनमोहित कर लिया 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की विजय मसाल जबलपुर पहुंची है जबलपुर के गौरीशंकर ग्राउंड में आर्मी जबलपुर वन सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर में भारतीय सेना कोर ऑफ सिग्नल के 33 डेयरडेविल्स ने मेजर दिशांत कटारिया के नेतृत्व में मोटरसाइकिल राइडिंग का चुनौतीपूर्ण प्रदर्शन किया इस मौके पर भारतीय सेना के सैन्य अधिकारी ने डेयरडेविल्स के रोमांचकारी बाइक राइडिंग को पसंद किया और देखा भारतीय सेना के डेयरडेविल्स द्वारा विभिन्न कीर्तिमान बनाए गए हैं डेयरडेविल्स के नाम 29 वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हैं वहीं गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी भारतीय सेना के डेयरडेविल्स का नाम दर्ज है डेयरडेविल्स अद्भुत पराक्रम बाइक राइडिंग के समय दिखाया जाता है