जबलपुर/ब्यूरो
परिवार का मुखिया रजिस्ट्री का इंतजार करते- करते परलोक चला गया लेकिन आज भी उसका परिवार न्याय के लिये परेशान गरीबों को धोखे में रखकर उनका खून चूसने वालों की कमी नहीं है, ऐसे लोग ही आज अमीर होते जा रहे हैं। इन लोगों का रसूख कुछ ऐसा होता है कि पीड़ित को कहीं से कोई मदद नहीं मिल पाती
ऐसा ही एक मामला देखने में आया जहा पीड़िता सरोज बाई के वकील अशोक मिश्रा ने बताया कि सन 2017 में सरोज बाई के पति स्व.रामसुजान बर्मन ने शीतल छाया एसोसिएट की मालकिन गीता रावत से प्लाट की रजिस्ट्री कराने का अनुबंध ₹800000/रुपए का करवाया है इस पैसे को पीड़ित परिवार ने किस्तों के तौर पर अनुबंध राशि के अनुसार पूरा पैसा दे दिया है किंतु पूरा पैसा दे देने के बाद भी आज तक पीड़िता के स्वर्गवासी पति के नाम रजिस्ट्री नहीं हुई और रजिस्ट्री का इंतजार करते-करते पीड़िता सरोज बाई के पति अब इस दुनिया में नहीं रहे। पति के अलावा उनका एक बेटा है जो 80 फ़ीसदी विकलांग है एवं दोनों मां बेटे अपने लिए न्याय की उम्मीद लगाए पुलिस अधीक्षक कार्यालय आ पहुंचे।
गीता रावत से एक और पीड़ित सुनील सिंह भी हैं जिनकी जमीन धोखे से उसने हड़प ली और वह भी न्याय की गुहार लगा रहे हैं।पीड़ित सुनील सिंह के बताये अनुसार इस पूरे मामले की गहराई यहीं तक सीमित नहीं है इन पीड़ित परिवार के अलावा अन्य पीड़ित परिवार की संख्या लगभग 100 से ऊपर है और घोटाले की रकम पांच से सात करोड़ बताई जा रही है।गीता रावत फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे हैं उस पर दर्ज कुछ मामलों में जमानत हो गई है।पीड़ितों को अपने लिए न्याय का इंतजार है।जिन लोगों की जमीन उसने धोखे से हड़पी है वो अपनी जमीन के लिए उम्मीद लगाए बैठे हैं और जिन गरीबों को जमीन दिखाकर उसने पैसा हड़पे है।वो गरीब अपनी जमीन की रजिस्ट्री चाह रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन इस मामले में अपनी गति से काम कर रहा है एवं उनका कहना है कि वो दिन जरूर आयेगा पीड़ितों को न्याय मिले उम्मीद है वह दिन जल्दी आएगा।
वही मामले में एडिशनल एसपी गोपाल खंडेल का कहना है की सरोज बाई द्वारा जो शिकायत की गई है उस मामले की जांच चल रही है जिस पर वैधानिक कार्यवाही जल्द ही की जाएगी