प्रमोद कुमार/महाराष्ट्र
पुणे : कोरोना के चलते पुणे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का काम जो एक शिफ्ट में शुरू हुआ था, अब दोबारा दो शिफ्ट में होगा। मंगलवार से जिला अदालत का काम फिर से शुरू कर दिया गया है। कैंटीन और बार रूम को शुरू कर दिया गया है। इसके चलते वकीलों की भीड़ भी बढ़ गई है। हाईकोर्ट ने पुणे की सभी अदालतों के लिए सर्कुलर जारी कर शत-प्रतिशत स्टाफ की मौजूदगी में कोर्ट शुरू करने का आदेश दिया है। कोरोना की पृष्ठभूमि में पिछले साल मार्च में लगाया गया लॉकडाउन की वजह से कोर्ट का कामकाज एक शिफ्ट में शुरू था। कोरोना की पहली लहर थमने के बाद दो शिफ्ट में अदालती कार्यवाही फिर से शुरू हुई थी। लेकिन, अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के चलते राज्य में एक बार फिर लॉकडाउन लगा दिया दिया गया। इसके बाद कोर्ट का काम पिछले पांच महीने से फिर से एक ही शिफ्ट में चल रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद राज्य में प्रतिबंधों में ढील दी गई। इसके बाद राज्य के अधिकांश प्रतिष्ठानों की शुरुआत की। हालांकि, जिला अदालत की कार्यवाही को पूरी क्षमता से फिर से शुरू करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए पुणे बार एसोसिएशन ने पूरी क्षमता से जिला न्यायालय का काम शुरू करने की पहल की थी।
पुणे बार एसोसिएशन ने अदालत के कामकाज के घंटे बढ़ाने पर वकीलों से राय मांगी थी। इसमें अधिकांश वकीलों ने कोरोना के नियमों के अनुपालन में अदालत के घंटों के विस्तार का अनुरोध किया था। तदनुसार, पुणे बार एसोसिएशन ने इस संबंध में मुंबई उच्च न्यायालय को एक बयान प्रस्तुत किया था।
अॅड. सतीश मुळीक (अध्यक्ष, पुणे बार असोसिएशन) ने कहा – जिला अदालत का काम पूरी क्षमता से शुरू हो गया है, लेकिन, कोरोना ने सभी को नियमों का पालन करने के लिए मजबूर कर दिया है। कोर्ट में आने पर मास्क पहनना, कोर्ट रूम में भीड़ नहीं लगाना अन्य नियमों का पालन करना है।