एडिटर डेस्क/सौरभ शर्मा
प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा रमणीय स्थान जहाँ हनुमान जी साक्षात बिराजते हैं उनकी कृपा यहां हमेशा बरसती रहती है, यदि धार्मिक ग्रंथों की माने तो कलयुग में केवल दो प्रभाव देखने को मिलते हैं पहला अंजनी कुमार हनुमंत लाल का और दूसरा माता रानी का, इसलिये कलयुग में पवन पुत्र को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है जिनको मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम कलयुग समाप्त होने तक यहां मृत्युलोक में धर्म की ध्वजा फहराने के लिए छोड़ कर गए थे, और धर्म के मार्ग पर चलने वालों की सहायता करने की जिम्मेदारी सौंप कर गए थे।
सिद्ध क्षेत्र दोनी धाम:
महाकौशल में स्थित यह धाम मारुति नंदन के जीवंत दर्शन कराता है, दमोह जिले क यह स्थान जबलपुर जिले के पाटन से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह सिद्ध क्षेत्र दमोह एवं जबलपुर की जिला सीमा पर स्थित है दमोह-जबलपुर मुख्य मार्ग से लगभग 15 किलोमीटर अंदर पठार क्षेत्र में बना हुुुआ है, यहां वीर बजरंग स्वामी भक्तों को अपने अदभुत दर्शन प्रदान करते हैं, ईश्वरीय कृपा के साथ साथ यहां प्राकृतिक सुंदरता भी अपने अभूतपूर्व दर्शन कराती है, सिद्ध क्षेत्र दोनी धाम के हनुमान जी की प्रतिमा की जो खासियत है वो यह है कि मूर्ति का एक पैर जमीन के अंदर है जिसकी लंबाई का आज तक कोई प्रमाण नही मिला, दूसरी विशेषता इस धाम की यह है कि बजरंग बली महाराज की प्रतिमा जिस महुआ के पेड़ से लग कर खड़ी हुई है उस पेड़ की आयु का कोई पता नही, तीसरी विशेषता यहां यह है कि मंदिर के पीछे जो कुआं बना हुआ है उसका पानी कभी सूखता नही एवं उस जल से कई रोगों का निवारण भी होता है, ईसलिये भक्त गण इस सिद्ध क्षेत्र को भगवान अंजनी कुमार का जीवंत धाम मानते हैं।
लोगों की मान्यता:
स्थानीय लोगों के साथ यहां दो जिलों दमोह और जबलपुर के निवासियों का ऐसा मानना है कि बजरंगबली भगवान यहाँ मूर्त रूप में साक्षात विराजे हैं पाटन निवासी मधु यादव जी के अनुसार लोगों की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान मात्र यहां दर्शन करने से मिल जाता है।
डॉ. चिंतन बबेले के अनुसार बड़े से बड़े असाध्य रोग भी यहां बिना किसी झाड़फूक के मात्र हनुमान जी के आशीर्वाद से ठीक हो जाते हैं लोगों की यहां मनमानी मुरादें पूरी होती है जिससे यहां पूरे साल भक्तों का आना जाना लगा रहता है लगातार यहां भक्त भंडारों का आयोजन करते रहते हैं क्योंकि यह वो दरबार है जहां लोगो बिना मांगे ही सब कुछ प्राप्त हो जाता है। यहां लोग अपनी मन्नतें ले कर आते है जो चंद घण्टों में ही पूरी हो जाती हैं, जिससे लोग यहां भंडारे का आयोजन किया करते हैं।