यह भी पढ़ें-बिजावर: वन-विभाग की उदासीनता के कारण साफ हो रहे है जंगल
बिजावर/ सुरेश रजक
बिजावर रियासत के राज कवि श्री कविराज बिहारी लाल जी की समाधि आज वीरान पड़ी हुई है जिसका मुख्य कारण है नगर परिषद बिजावर की निष्क्रियता, ज्ञात है कि बिजावर एक ऐतिहासिक नगरी मानी जाती क्योकिं यह नगर रियासत कालीन नगरों में से एक है दूसरी तरफ कविराज बिहारी लाल जी बिजावर माटी के एक ऐसे सपूत हुए हैं जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से बिजावर का नाम सारे भारत देश मे रोशन किया, लेकिन हिंदी जगत की एक कहावत है कि दिया तले अंधेरा होता है यही कहावत आज बिजावर में सिद्ध हो रही है की जहाँ सारे देश के कवि और साहित्य प्रेमी कविराज बिहारी जी भगवान की तरह पूजते हैं तो वहीं बिजावर में उनकी समाधि स्थल अपनी दुर्दशा पर रो रहा है, और वीरान पड़ा हुआ है चूंकि नगर और नगर की ऐतिहासिक धरोहरों की सुंदरता की जबाबदारी नगर प्रशासन की होती है किंतु यहां कविराज बिहारी की समाधि पर घास उगा हुआ है चारों तरफ कचड़ा फैला हुआ है जीणोद्धार तो दूर की बात कभी पुताई भी नही कराई जाती है।
1 comment