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October 21, 2024
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मध्यप्रदेश

नगर परिषद बिजावर की एक और पहल, कचड़े और गंदगी का अंबार

बिजावर / संववाददाता
समूचे देश मे कोरोना वैश्विक महामारी अपना कहर बरपा रही है जिसके संक्रमण से बचने का मूल मंत्र है साफ-सफाई, उसी से आज हम कोशों दूर है, जिसके दो बचाव सूत्र बताए गए हैं मास्क और सेनेटाइज। हालांकी सेनेटाइजेसन का सही मायने में मतलब है कीटाणुओं को मारना, अर्थात यहाँ भी साफ सफाई अति आवश्यक है। किंतु आज हम सफाई के मामले में 50 साल पीछे खड़े हुए हैं, शासन प्रशासन आज योजनाएं तो अच्छी बनाता है लेकिन ज़मीनी स्तर पर विभागों द्वारा उसका क्रियान्वयन सही तरीके से नही किया जाता है मात्र औपचारिकता ही की जाती है। इसी संदर्भ में बात करते हैं नगर परिषद बिजवार की जहाँ शासन द्वारा नगर वासियों के लिए हर व्यस्थाएँ मुहैया कराईं हैं किन्तु स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण शून्य स्थिति में हैं।

जगह-जगह गंदगी का अंबार
शहर में चारो ओर कचड़े के ढेर लगे हुए हैं नालियां भरी पड़ी हुई हैं कई जगह तो नालियाँ खत्म ही हो गई हैं, बात किसी भी वार्ड की हो गंदगी और कचड़ा आपको हर जगह देखने मिल जाएगा। ऐसा नही कि कचड़े और गंदगी के अंबार आपको नगर के दूरस्थ इलाकों में मिले आलम ये है कि ये ढेर आपको नगर परिषद कार्यालय से मात्र कुछ ही मीटर की दूरी पर देखने को मिल जाएंगे। बिजावर नगर का हृदय स्थल और आस्था का प्रतीक बड़ी देवी मंदिर भी इन असुविधाओं के अछूता नही है। देवी माता मंदिर वार्ड क्रमांक क्रमांक 08 हो, चाहे वार्ड क्रमांक 07 या फिर हो वार्ड क्रमांक 05 या 15 कहानी सबकी एक जैसी है।

यहां पदस्थ है दो-दो सफाई दरोगा, फिर सफाई मीलों दूर –
ऐसा नही कि नगर परिषद बिजवार में कर्मचारियों का टोटा हो बल्कि जिले में यह एक ऐसी नगर परिषद है जहाँ दो- दो सफाई दरोगा हैं एक स्थाई सफाई दरोगा है तारिक खान तो दूसरे सबके अजीज पाण्डे जी, जो वर्तमान में अपनी कर्तव्यनिष्ठा और लगन के कारण सेवानिवृत्त होने के बाद भी संविदा के तहत अपनी सेवाएं देने डटे हूए हैं। फिर भी बिजवार नगर अपनी दुर्दशा पर हो रहा है। जिस नगर में स्वयं विधायक निवास हो, मुख्यालय के कारण समस्त आला अधिकारी रहते हों वहां इस तरह का माहौल लोगों की आंखों में खटकता है।

लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़-
स्थानीय लोगों के अनुसार नगर परिषद के कर्मचारियों को शायद राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है जिस कारण उन पर किसी का दबाब नही चलता है और न ही कोई नकेल है। क्योकि शासन के नियमो के मुताबिक बरसात से पहले नगर के नाले नालियों की सफाई कराई जाती है ताकि मच्छर एवं बीमारियों के कीटाणु न पनप सकें जिससे लोगों के स्वास्थ की रक्षा की जा सके। वर्तमान परिवेश को देखते हुए तो कोरोना काल मे इसका बिशेष महत्व है।पर परिषद के कर्मचारियों के कानों पर जूं भी नही रेंगता है।

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