पाटन /संवाददाता
अखंड भारत के 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर के समस्त शासकीय एवं अशासकीय प्रतिष्ठानों मे राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर गणतंत्र दिवस मनाया गया, नगर मे बच्चों मे गणतंत्र दिवस का हर्षोल्लास देखा गया, रंग बिरंगे परिधानो मे नन्हे मुन्ने बच्चे जानवरी की ठण्ड मे जल्दी सुबह स्कूल जाते दिखे ताकि समय पर पहुँच कर ध्वजारोहण मे शामिल हो सकें।
ज्ञात हो कि जहाँ एक ओर दिल्ली मे दोनों राष्ट्रीय त्योहार स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर ध्वजा रोहण से पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, राष्ट्र पिता एवं क्रान्तिकारीयों कि समाधियों को साफ सफाई रंग रोगन करते हुए ध्वजा रोहण के पूर्ण पुष्पांजलि दी जाती है तो वही पाटन नगर मे समस्त प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा ऐसे स्मृति चिन्हो को दरकिनार किया जाता है।
क्या है मामला :
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटन नगर के बेसिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष्य मे बर्ष 1972-73 में शासन द्वारा स्मृति शिला लेख स्थापित किया गया था जिसमे पाटन तहसील के समस्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम अंकित किये गए थे जिससे कि आगे आने वाली पीढ़ियों को यह स्मरण रहे कि पाटन तहसील के अंतर्गत कितने वीर सपूतों ने आजादी कि अग्नि मे अपने प्राणो कि आहुतियाँ दी, किन्तु आज इन शिला लेखों पर पुष्प माला तो दूर कि बात है ये स्मृति स्तम्भ अपनी साफ सफाई को भी तरस रहे हैं, नगर के प्रतिष्ठित लोगों द्वारा बताया गया कि पहले नगर में यह प्रथा थी कि दोनों राष्ट्रीय त्योहारों पर ध्वजारोहण से पूर्व उक्त स्मृति स्तम्भ शिला लेखों पर मल्यार्पण किया जाता था जिसमे समस्त प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहते थे एवं राजनेता भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे किन्तु आज प्रशासन द्वारा इनकी उपेक्षा कि जा रही है यहाँ माल्यार्पण तो दूर कि बात है रंग रोगन तक भी नहीं कराया जाता है।