31.7 C
Madhya Pradesh
April 20, 2024
Bundeli Khabar
Home » उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री आर के चौधरी का मुंबई दौरा
महाराष्ट्र

उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री आर के चौधरी का मुंबई दौरा

सदन से लेकर सड़क तक समाज के विकास के लिए कृतसंकल्प

मुंबई। हाल ही में मुंबई दौरे पर आये उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री आर.के.चौधरी ने तीसरी मुंबई के रूप में जाने जाने वाली वसई विरार के नालासोपारा पूर्व में युवा शक्ति पासी सहयोग ऑल इंडिया द्वारा आयोजित महापुरुषों का सम्मान एवं पासी परिवार मिलन समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम में पासी जनजागृति संस्था की ओर से बढ़चढ़कर भाग लिया गया। इस अवसर आर.के.चौधरी द्वारा डॉ.भीम राव आंबेडकर की 132 वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता युवाशक्ति पासी स. ऑल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील सरोज और कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र सरोज और सह संचालक रामशंकर सरोज (पासी जनजाग्रति संस्था, महासचिव} द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में पासी समाज के प्रतिष्ठित व सम्मानित लोगों के साथ बड़ी संख्या में युवा राष्ट्रीय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय सदस्य और राष्ट्रीय सलाहकार प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।
उत्तरप्रदेश के फैजाबाद जिले के एक छोटे से गांव टोनिया में आर.के. चौधरी का जन्म 6 दिसंबर 1954 में हुआ। उन्होंने फ़ैजाबाद के अवध विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई की। इस दरम्यान उनकी मुलाकात बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम से हुई। वे कांशीराम के विचारों से इतने प्रभावित हुए कि एक रैली में उनके सामने उपस्थित जनसमुदाय के बीच आजीवन शादी नहीं करने और अपना संपूर्ण जीवन दलित समाज के उत्थान तथा उसके विकास में लगाने का व्रत लिया। यही नहीं उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण दलित समाज के विकास के लिए अर्पित होगा। वे लगातार विधायक और मंत्री रहते हुए सदन से लेकर सड़क तक दबे, कुचले, वंचित और शोषित लोगों की एक प्रखर आवाज बनकर उनकी समस्याओं को शासन व प्रशासन तक उठाते रहे हैं।
आर.के.चौधरी जब उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेते हुए पासी समाज के गौरव महाराजा बिजली पासी के किले को संरक्षित करने के लिए संकल्प लिया और उसका जीर्णोद्धार कराया। किले पर महाराजा बिजली पासी की मूर्ति का अनावरण कराया, जो आज भी पासी समाज की गौरव गाथा की जीती जागती मिशाल है।
प्रणेता कांशीराम के निधन के बाद बीएसपी नेतृत्व की बागडोर मायावती के हाथों में चली गयी। इसके बाद सत्ता खिसकने के डर से मायावती ने एक-एक करके दलित, वंचित और समाज के शोषितों लोगों के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वर्गीय काशीराम के नजदीकियों को पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया और बीएसपी का बागडोर अपने हाथ में ले लिया। इसके बाद लोगों की आवाज बन चुके आर.के.चौधरी ने राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी (बीएस-4) की स्थापना की। इस बीच मायावती को दलितों का बड़ा वर्ग उनसे दूर होता दिखाई दिया और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने की झूठा आश्वासन देकर उन्हें एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी में शामिल किया।
समाज के विकास और उसकी उन्नति को ध्यान में रखते हुए आर.के.चौधरी ने मायावती का साथ स्वीकार किया, लेकिन अब मायावती बिलकुल बदल चुकी थी। और वे उन्हें कमजोर करने की हरसंभव कोशिश करने लगी। अन्ततोगत्वा आर.के.चौधरी ने एक बार फिर अपने संगठन को मजबूत करना शुरू किया और पूरे उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ाया और पार्टी को खड़ा किया। और वे प्रदेश सरकार में  कैबिनेट मंत्री, परिवहन मंत्री, स्वाथ्य मंत्री, खेल मंत्री, दो बार सहकारिता मंत्री रहते हुए प्रदेश की जनता का सेवा किये। स्वच्छ और कर्मठ व ईमानदार छवि के चौधरी को बिना चुनाव लड़े ही उन्हें यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

Related posts

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मानवी हक्क पुरस्कार सोहळा संपन्न

Bundeli Khabar

राम सेतु समुद्रात बुडाला

Bundeli Khabar

तेजोभास्कर दामोदरपंत सावरकर – लेखिका मंदाकिनी भट

Bundeli Khabar

Leave a Comment

error: Content is protected !!