लोकतंत्र की हत्या कर रही मोदी सरकार :अमित भटनागर
छतरपुर//ब्यूरो
आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार को तानाशाह बताते हुए सरकार की तानाशाही के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश सचिव अमित भटनागर ने मोदी सरकार को तानाशाह बताते हुए सरकार की तानाशाही पर जोरदार हमला किया। प्रदेश सचिव अमित भटनागर ने कहा कि दिल्ली के अंदर “मोदी हटाओ, देश बचाओ” के पोस्टर मात्र से मोदी सरकार थर्रा गई अंग्रेजों के राज में भी कभी एक पोस्टर और एक पर्चे के लिए 138 एफआईआर नहीं हुई थी। अमित भटनागर ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि देखते हैं कि सरकार की एफआईआर, पुलिस और जेल में कितनी ताकत है, आज से आम आदमी पार्टी प्रदेश के कोने-कोने में “मोदी हटाओ, देश बचाओ” का पोस्टर लगाने जा रही है। जब चप्पे-चप्पे पर “मोदी हटाओ, देश बचाओ” के पोस्टर लगेंगे, जेलें भर जाएगी पर मां भारती को बचाने के लिए सीना और हाथ कम नहीं होंगे। आप प्रदेश सचिव ने सरकार पर सवाल खड़ा किया कि जहां-जहां प्रधानमंत्री मोदी गए, वहां-वहां अडानी का साम्राज्य विकसित करते रहे, जब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे, क्या मोदी जी अडानी की जांच करा सकते हैं? आजादी की लड़ाई में हमारे शहीद हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम रहे थे। उनका सपना था कि जिस दिन हमारा देश आजाद होगा, अशिक्षा दूर होगी और भारत एक शिक्षित राष्ट्र बनेगा। देश के लोग इलाज के लिए नहीं भटकेंगे, नौजवानों को रोजगार मिलेगा, किसानों को फसल का दाम मिलेगा। मोदी के रहते यह सपना पूरा नहीं हो सकता। जब अंग्रेजों की हुकूमत थी, उस समय कोई पर्चा नहीं बांट सकता था, पेपर नहीं निकाल सकता था। भारत की आजादी के वीरों की आवाज को कुचलने के लिए उसी समय अंग्रेजों ने कानून बनाएं, आज फिर उस कानून का सहारा लेकर देश की आवाज को कुचला जा रहा है।
प्रदेश सचिव अमित भटनागर ने कहा कि आज देश के संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है, विपक्ष की आवाज को कुचलने के लिए फर्जी मुकदमों में फंसाने की कोशिश की जा रही है। देश के किसानों के ऊपर जबरदस्ती तीन काले कानून लगाए गए, किसानों ने एक साल आंदोलन किया, सरकार ने उनसे वादा किया कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानून का दर्जा देंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ, देश के छात्रों की आवाज को देशद्रोही-आतंकवादी कहकर कुचला जा रहा है। देश में मजदूर दयनीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं। अमित ने कहा कि भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम इसलिए फेंका था कि मजदूरों के खिलाफ सेफ्टी बिल लाया जा रहा था। आज मजदूरों के सारे कानून और अधिकारों को खत्म कर केवल चार कानून में समेट दिया है।