पाटन/सजल सिंघई
जहाँ समूचे प्रदेश में वाहन दुर्घटना को देखते हुए सरकार नई-नई मुहिम चला रही है वहीं दूसरी ओर पाटन पुलिस वाहन चेकिंग को केवल औपचारिकता बनाये हुए है, मतलब वाहन चैकिंग तो होती है लेकिन केवल दो पहिया वाहनों की जो बिचारे बाजार करने पाटन नगर आते हैं।
ज्ञात हो अभी हाल ही में एडीजे महोदय ने जबलपुर पुलिस को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सम्वन्ध में जागरूक करने के लिए योजना बनाई थी किंतु सारी योजनाएं मात्र कागजों पर ही रेंगती हुई नजर आतीं है, क्योंकि पाटन टोल वेरियल के पास पुलिस द्वारा वाहन चेंकिंग लगाई जाती है किंतु उनको केवल दो पहिया वाहन ही नज़र आते हैं, लेकिन वो लोडिंग वाहन नजर नही आते जो रोजाना हजारों मजदूरों की जान पर खेल कर उनके लाते ले जाते हैं।
एक बात समझ से परे है कि जहां मीडिया के कैमरों को ये लोडिंग वाहन नजर आ जाते हैं तो वहीं पुलिस के नजदीक से मिस्टर इंडिया बन कर कैसे गुजर जाते हैं पिछले बर्षों में बगदरी घाट पर ऐसे कई लोडिंग वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं जो मजदूरों को ढोने का काम करते है किंतु इन सब को देखने के बाद भी प्रशासन के कानों पर जूं भी नही रेंगता।