संतोष साहू,
मुम्बई। सत्यजीत रे की जन्म शताब्दी के अवसर पर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने महान फिल्म निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी विभिन्न गतिविधियों की शुरुआत की है। नई दिल्ली में फिल्म्स डिवीजन के ऑडिटोरियम में 2 मई से तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल शुरू हो रहा है। फेस्टिवल में सत्यजीत रे द्वारा बनाई गई फिल्मों का प्रदर्शन होगा। दर्शक रे के जीवन का जश्न मनाने वाली फिल्मों की एक स्लेट देखेंगे तथा उन्हें बड़े पर्दे पर उनकी प्रसिद्ध फिल्मों का अनुभव करने का भी मौका मिलेगा। फिल्म महोत्सव का उद्घाटन श्रीमती नीरजा शेखर अध्यक्षता सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और प्रसिद्ध हिंदी लेखक पंकज बिष्ट द्वारा किया गया है।
उपस्थित लोगों के उत्साह से प्रसन्न श्रीमती शेखर ने कहा कि मंत्रालय सत्यजीत रे की जन्मशती मनाने में बहुत खुशी महसूस करता है, महामारी ने रे प्रेमियों को एक वयक्तिक उत्साह से दूर रखा था। लेकिन अभी देश भर में त्योहार और कार्यक्रम हो रहे हैं और लोग देख रहे हैं की मनोरंजन कला फिर से काम कर रही हैं। भविष्य में भी मंत्रालय दर्शकों के लिए महत्वपूर्ण भारतीय फिल्मों के शो आयोजित करने की योजना बना रहा है। पंकज बिष्ट ने कहा कि 80 और 90 के दशक में सत्यजीत रे एक ऐसा नाम था, जिसे कोई भूल नहीं सकता, वह एक घटना थी। उन्होंने पाथेर पांचाली के सरबोजया के एक दृश्य का जिक्र करते हुए, रे के सिनेमा में ख़ामोशी की गुणवत्ता के बारे में बात की,जब हरिहर ने बड़े बच्चे-दुर्गा की मौत की खबर का संचार किया।
पश्चिम बंगाल सरकार के पाथेर पांचाली फिल्म की प्रिंट एकेडमी फिल्म आर्काइव से पेशकश होगी, चूँकि फिल्म की नेगेटिव आग में लगभग खो चुकी थी। पाथेर पांचाली स्क्रीनिंग क्लोजिंग फिल्म होगी. त्योहार का मुख्य आकर्षण सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित सोनार केला, सीमाबाड़ा, हीरक राजा आदि फिल्में होंगी। जिन्हे नेशनल फिल्म आर्काइव्ज़ ऑफ़ इंडिया, पुणे अ फिल्म मीडिया यूनिट ऑफ़ मिनिस्ट्री ऑफ़ इन्फर्मैशन अन्ड ब्रॉड्कैस्टिंग द्वारा रिस्टॉर्ड की गई फिल्मों के नए संस्करण हैं।