.होती है भक्तों की मुरादें पूरी
.हनुमान जी की बरसती है कृपा
.नौ दिन चलती है अखंड रामधुन
बिजावर/सुरेश रजक
वैसे तो सनातन धर्म में त्योहारों का एक बिशेष महत्व माना जाता है किंतु शारदीय नवरात्र माँ की आराधना का एक अद्वितीय पर्व है जिसे लोग अलग-अलग ढंग से मनाते है कहीं माँ के दरबार सजाए जाते हैं तो कहीं जवारे लगाए जाते हैं तो कहीं जगराते कराए जाते हैं।
बिजावर नगर के मोहनगंज मोहल्ले में श्री हनुमान जी मंदिर प्रांगण में माँ काली की प्रतिमा विराजित की जाती है जो बिजावर नगर की एक मात्र महा काली की प्रतिमा होती है, यहां हनुमान जी मंदिर में नौ दिन अखंड रामधुन पाठ किया जाता है जिसमें नगर के बच्चों से लेकर बुजुर्ग एवं महिलाएं बारी बारी से रामधुन करने आतीं हैं इसी प्रकार यह क्रम पूर्व नौ दिनों तक चलता है।
स्थानीय निवासी विजय श्रीवास्तव के अनुसार लगभग 40 बर्षों से यहाँ माँ काली की प्रतिमा बिराजित की जाती है एवं लगभग 70 बर्षों से श्री हनुमान जी मंदिर पर नौ दिन अखंड रामधुन का पाठ किया जाता है, लोगों का ऐसा मानना है कि श्री हनुमान जी के मंदिर से लोगों की मनमानी मुरादें पूरी होती हैं लोग अगर रोते रोते यहां आते हैं तो हँसते हँसते अपने घर जाते हैं बिजावर रियासत के राज कवि श्री कविराज बिहारी जी के सुपुत्र संत शिरोमणि रसरंग जी द्वारा रामधुन परिपाटी चलाई गई थी जो आज भी चलती चली जा रही है।
बिजावर नगर में एक मात्र यह ऐसा मंदिर है जहाँ माँ काली कि प्रतिमा रखी जाती है इसलिए यह सारे नगर के लोगों की बिशेष आस्था का केंद्र होता है भक्तों की यहां नौ दिनों तक कतारें लगी रहती हैं और लोग हनुमान जी एवं मां काली के दर्शन कर अपनी मुरादों को पूरा करते हैं।