एडीटर डेस्क / सौरभ शर्मा
.जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस
.सुबह से रात्रि 12 तक मनाया गया उत्सव
.मंदिरों के साथ घरों में सजी झांकियाँ
भगवान श्री कृष्ण के प्राकट्योत्सव जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश मे बड़ी धूमधाम से मनाया गया, सुबह से ही मुरलीधर के मंन्दिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू ही गया, बड़ों के साथ साथ बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया, हालांकि कोरोना काल के चलते सभी क्रियाकलापों में सावधानी रखी गई, जगह- जगह मंन्दिरों में भगवान श्री कृष्ण कन्हैया की झांकियाँ सजाई गई, लोगों ने व्रत / उपवास रख पूजा अर्चना की, लोग अपने घरों में भी भगवान राधारमण सरकार की झांकियाँ सुसज्जित कर बालकृष्ण का अवतरण दिवस मनाते दिखे।
गैरतलब है कि भगवान बांसुरी वाले का अवतरण द्वापर युग में मथुरा के राजा कंस के बंदीगृह में हुआ था, भगवान का अवतरण पाप और असत्य पर विजय प्राप्ति हेतु हुआ था, धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस धरती पर जब भी पाप और अधर्म बढ़ता है तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में प्रकट होते हैं और अधर्म पर स्थापित की गई सत्ता का सर्वनाश करते हैं, अगर हम बात करें भगवान श्री कृष्ण की तो भगवान का यह एक मात्र ऐसा अवतार था जो बाल्यकाल से अपनी लीलाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध करते रहे, भगवान का यह अवतार प्रेम का संदेश ले कर हुआ था जिसमे भगवान ने प्रेम को सर्वोपरि बताया साथ भी धरती के समस्त जीवों को गीता उपदेश दे कर सत्य के मार्ग पर चल कर जीवन जीने की कला सिखाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के अवतरण दिवस पर मंदिरों में तो झांकियाँ सजाई गई, साथ ही हिन्दू संस्कृति की तर्ज पर चलने वाले विद्यालय सरस्वती शिशु मंन्दिरों में भी बाल कृष्ण की झांकियों को सजाया गया, चूंकि कोरोना महामारी के चलते कोई आयोजन नही किये गए किन्तु विद्यालय परिवार ने घर पर रहकर ही छोटे छोटे बालकों को बाल कृष्ण के स्वरूपों में सजाया गया। इसी क्रम में सरस्वती शिशु मंदिर गौरझामर की दीदी जी लोगों द्वारा श्री बालकृष्ण की झांकियाँ सजाई गई।