मंगलेश कुमार/महाराष्ट्र
प्रतापगढ़ : प्रदेश सरकार ने 5000 मदरसों की मान्यता को निरस्त कर दिया है ।
प्रदेश सरकार के नए नियमों के तहत इन सभी मदरसों को उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद में पंजीकरण कराना था। लेकिन ऐसा न करने के कारण ये खुद ही अनुदान के दायरे से बाहर हो गए हैं।
5000 मदरसों का सरकारी अनुदान बचने से योगी सरकार को करीब 100 करोड़ रुपए की सालाना बचत होगी। प्रसिद्ध उपन्यासकार और फिलहाल उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सुरेश जैन ऋतुराज ने मीडिया के साथ मेरठ में यह जानकारी साझा की ।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के नए नियमों के अनुसार हर मदरसे को मदरसा शिच्छा परिषद के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पिछली सरकारें जितने मदरसों को सरकारी अनुदान बांटती आई थी उनमें से 5000 मदरसे इस पोर्टल पर रजिस्टर नही हुए है।
इन मदरसों को अब अपना आर्थिक बोझ खुद ही उठाना होगा । प्रदेश सरकार एसे मदरसों की संबद्धता मदरसा शिक्षा बोर्ड से नहीं रखेगी साथ ही बोर्ड से संबद्धता के अभाव में एसे मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की डिग्रियां भी अवैध मानी जाएंगी ।