ब्यूरो डेस्क
मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के नाम का विवादों के साथ गहरा नाता चला आ रहा है कभी मानसिंह मामले मे तो कभी अघोषित संपत्ति के मामले में तो ज़मीन से सम्बंधित मामलों में, किन्तु इस बार एक नया विवाद सामने आया है।
क्या है मामला :
हमेशा से विवादों मे रहने वाले खाद्य आपूर्ती मंत्री गोबिंद सिंह राजपूत इस बार एक नए प्रकार के मामले मे फसते नजर आ रहे हैं शिकायत कर्ता राजकुमार सिंह धनौरा ने मिडिया के सवालों का जबाब देते हुए बताया कि मंत्री राजपूत के निजी सचिव द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के उप संचालक सागर को एक पत्र लिख कर 12 वीं के छात्र-छात्राओं का डाटा मगाया गया है जो बिलकुल ही विधि सम्मत नहीं है क्योंकि मंत्री जी के दायित्व वाले बिभाग मे ऐसी कोई छात्र हित कि योजना चालू नहीं की गई है जिसमे कि छात्र-छात्राओं के निजी डाटा कि आवश्यकता हो, किन्तु मंत्री जी अपने निजी हितों के लिए अपने पद का दुरूपयोग कर रहे है एवं प्रशासनिक तंत्र को अपनी उंगलियों पर नचा रहे है जिसका मुख्य कारण है अपने निजी महाविद्यालय को व्यगतिगत लाभ पहुँचाना, ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा जो डाटा मगाया गया है वो डाटा अपने निजी शैक्षणिक संस्थान के फायदे के लिये मगाया गया है ताकि नए शिक्षा सत्र के दौरान छात्र-छात्राओं से एडिमीशन के लिए संपर्क कर सकें एवं प्रशासनिक दबाब बना कर अपने निजी संस्थान मे दाखिल करा सकें।
आगे राजकुमार सिंह धनौरा द्वारा बताया गया कि जब से मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत कांग्रेस छोड़ बीजेपी मे शामिल हुए है तब से ही वो सरकार पर दबाब बना कर प्रतिदिन ही अपने पद का दुरूपयोग कर कभी अपने परिवारजनो को तो कभी अपने सहयोगियों को तो कभी खुद अनुचित लाभ पहुंचा रहे हैं जिसकी मेरे द्वारा कई बार प्रदेश स्तर एवं केंद्र स्तर के नेतृत्व को पत्र लिखकर सूचित किया है साथ कई बार मेरे द्वारा सभी जाँच एजेंसियों को भी पत्र लिखा गया है किन्तु मामला हर बार ठंडे बस्ते मे पहुँच जाता है।