जिया बीज उत्पादक सहकारी समिति द्वारा किये गए फर्जीबाड़े का मामला, किसानों ने कलेक्टर, कमिश्नर से की शिकायत।
सागर/ब्यूरो
सागर / जिया बीज उत्पादक सहकारी समिति ग्राम कॉसल पिपरिया विकासखंड रहली के अध्यक्ष, प्रबंधक, संचालक मंडल द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रवि एवं खरीफ की फसलों का खसरा एवं रकवा में फर्जी सत्यापन करवाकर शासन की लाखों रूपयों की राशि को खुर्दबुर्द करने एवं वरती गई अनियमित्ताओं की जांच कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर ग्राम कॉसल पिपरिया रहली के किसान रविन्द्र सिंह लोधी, जगदीश लोधी, कमल पटेल, जगदीश अहिरवार,राजकुमार लोधी,घन श्याम पटेल आदि किसानों ने जिला कलेक्टर एवं संभाग कमिश्नर से लिखित शिकायत की है।किसानों द्वारा की गई शिकायत में कहा गया हैं कि ग्राम कॉसल पिपरिया में समिति फर्जी तरीके से पंजीकृत होकर एवं कार्यक्षेत्र से बाहर के संचालक सदस्यों को शामिल कर कृषकों के साथ छलावा कर उनको आर्थिक नुकसान कारित कर रही है। समिति का मौके पर कोई अस्तित्व नही है और न ही उसके संचालन व कार्यकलाप की कोई जानकारी है। समिति एवं संचालक सदस्यों द्वारा रवि वर्ष 2020-21 में लिये गये बीज क्रय विक्रय प्रोग्राम उत्पादन एवं खरीफ वर्ष 2021 राजस्व रिकार्ड अनुसार ग्राम पटनाबुजुर्ग तह0 रहली के निवासी भागचंद जैन, दीपक जैन, तथा उनके परिवार के सदस्यों एवं अन्य संचालक सदस्यों द्वारा पंजीकृत रकवे में कूटरचित दस्तावेज तैयार करके फर्जीवाडा कर शासन को सर्मथन मूल्य पर गेंहू, चना, एवं धान की फसल बेंची गई और उसी रकवे और उसी वर्ष में समिति में रवी एवं खरीफ फसलों को पंजीकृत कर दुहरा लाभ लेकर शासन को चूना लगाया गया।
समिति के पंजीकृत संचालक सदस्यों के खसरा, रकवा, उसमें बोई गई रवि एवं खरीफ की फसलें और उन से संबंधित सभी दस्तावेजों का सत्यापन किया जावे। समिति संचालक सदस्यों एवं बीज प्रमाणीकरण संस्था सागर के कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत कर छलपूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार किये गये फर्जी तरीके से खसरा रकवा में फसलें चढाई गई और शासन से मिलने वाले अनुदानों का लाभ लिया और वास्तविक किसानों को उसका फायदा नही हुआ शासन द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाने वाली योजना पर पानी फेरा गया।शिकायत में जिया बीज उत्पादक सहकारी समिति द्वारा किये गए फर्जीबाड़े की निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही की माँग की गई हैं।