छतरपुर/ब्यूरो
म.प्र. वन मंडल के पास वन क्षेत्रपाल होने के बाबजूद भी अधिकारी से सांठगांठ करके उप क्षेत्रपाल रेंजर के चार्ज में बने हुए हैं, बाजना वन परिक्षेत्र के अंतर्गत उप क्षेत्रपाल राजेन्द्र पस्तोर को बरिष्ठ अधिकारियों की मेहबानी की बदौलत रेंजर का मिलता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कई बर्षों से विभाग में अपना दबदबा बनाये हुए उप क्षेत्रपाल राजेन्द्र पस्तौर के विरुद्ध लोकायुक्त में भी शिकायत दर्ज की जा चुकी है एवं कुछ समय पूर्व बर्ष 2006 में ओरछा रेंज के अंतर्गत वन सुरक्षा हेतु आई हुई जाली का भी गवन किया गया था जिसकी सजा तत्कालीन रेंजर आज तक भुगत रहे हैं इत्तिफाकन राजेन्द्र पस्तौर उस समय वहां ही पदस्थ थे।
गैरतलब है कि शासन प्रशासन आये दिन वनों की सुरक्षा के लिए नई योजनाएं बनाता है ताकि वन हानि से बचा जा सके किंतु उनके ही अधिकारी शासन की नीतियों को बट्टा लगा रहे हैं जिस पर बरिष्ठ अधिकारी अपनी आंखों में नींबू का रस निचोड़ कर बैठे रहते हैं औऱ हाई कोर्ट के आदेश के बाद उनके कानों पर जूं रेंगते हैं हालांकि अधिकतर मामलों में देखा गया है कि यदि किसी भी शासकीय सेवक के विरुद्ध लोकायुक्त में शिकायत दर्ज की जाती है उसको प्रायः लूप लाइन में रखा जाता है परंतु यहाँ उल्टा है उसको रेंजर का चार्ज दे कर उल्टा प्रोत्साहित किया जाता है, यह बात आम आदमी के समझ के परे है कि अधिकारियों को ऐसा क्या फायदा है की सजा की जगह उल्टा प्रोत्साहित किया जाता है।