वाड़िया अस्पताल में हुई 1 साल की नाइजीरियन बच्ची की सफल हार्ट सर्जरी
रोटरी क्लब ऑफ मुंबई ने की आर्थिक मदद
मुम्बई / ओमकार मणि
मुंबई : कितने हैरत की बात है कि कंजेनाइटल नामक ह्रदयविकार दुनिया भर के महज एक फीसदी नवजात बच्चों में जन्मजात ही हुआ करता है, जिनमें से ७० फीसदी मामलों में एक ही बार की सादा हार्ट सर्जरी के जरिए निजात पा ली जाती है, पर नाइजीरिया में हरेक साल जन्म लेने वाले ७ मिलियन बच्चों में से करीब ५६ हजार इस विकार से ग्रसित हुआ करते हैं, जिन्हें इलाज के लिए भारत समेत अन्य देशों में रेफर किया जाता है, क्योंकि नाइजीरिया में यह सुविधा है ही नहीं। मुंबई में परेल के वाड़िया अस्पताल में २७ जुलाई को ऐसी ही एक नाइजीरियन बच्ची की सफलतापूर्वक सर्जरी की गई। यह सर्जरी डाॅ. बिस्वास पांडा ने की।
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सुप्रसिद्ध वूमंस राइट्स एक्टिविस्ट, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की राष्ट्रीय सचिव एवं रोटरी क्लब ऑफ मुंबई एसेज की सदस्या सुमन अग्रवाल के मुताबिक एम्मा नामक १ साल की उम्र की इस बच्ची का यह इलाज इस अस्पताल में हुई किसी नाइजीरियन बच्चे की इस तरह की दूसरी सर्जरी है। रोटरी क्लब ऑफ मुंबई की आर्थिक मदद से हुई इस सर्जरी के दौरान सुमन अग्रवाल, रोटरी के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉ.राजेंद्र अग्रवाल, चीफ को-ऑर्डिनेटर लीना शाह, असिस्टेंट गवर्नर दीपा गोयंका आदि अपने सहयोगियों के संग अस्पताल में मौजूद थीं। एम्मा के साथ नाइजीरिया से सर्जरी के लिए यहां आई उसकी मां भी इस दरमियान उपस्थित थीं।
