भोपाल (सौरभ शर्मा)- पुलिस मुख्यलय भोपाल ने बालकों के संरक्षण एवं देखरेख के लिए बनाए गए किशोर अधिनयम को दृष्टिगत रखते हुए बरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान दिलाया है कि उक्त प्रकरणों में विवेचक अधिकारियों को तीन बर्ष से पहले नही हटाया जाएगा।
क्या है मामला
ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से पुलिस मुख्यालय भोपाल को खबरें मिल रही थी कि कई पुलिस अधीक्षक जल्दी ट्रांसफर कर देते हैं। जिस पर पुलिस मुख्यालय ने उक्त नियम का हवाला देते हुए पुलिस अधीक्षकों को याद दिलाया है कि जो अधिकारी बच्चों से सम्बन्धीत प्रकरणों में अपना योगदान दे रहे हैं उनको 3 बर्ष से पहले स्थानांतरण नही दिया जाए। गैर तलब है कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारी लगभग प्रदेश के सभी थानों में पदस्थ हैं जो बच्चे अपनी शिकायत ले कर आते है या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होते हैं उनके साथ ये पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में बात करते है ताकि उनको पुलिस थाने का माहौल सामान्य लगे। साथ ही ये अधिकारी नियमित तौर पर महिला बाल विकास सहित बाल न्यायाल आदि के संपर्क में रहते हैं वहीं विशेष किशोर पुलिस इकाई के अधिकारी और कर्मचारी बच्चों के अपहरण एवं बच्चों से संबंधित गंभीर अपराधों में स्थानीय पुलिस की सहायता करते हैं। ऐसे में इनका 3 साल से पहले स्थानांतरण करना कई कार्यों को प्रभावित करता है। इसलिए पीएचक्यू भोपाल ने भोपाल इंदौर आईजी सहित समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों को यह याद दिलाया है।
55 बर्ष से ज्यादा है उम्र तो नही लगेगी कोरोना ड्यूटी
कोरोना काल मे पुलिस बिभाग की एक अहम भूमिका रही है जहाँ एक ओर स्वास्थ बिभाग कमान संभाले हुए था तो वहीं दूसरी ओर पुलिस बिभाग अपनी सेवाएं दे रहा था। ऐसे में पीएचक्यू ने कहा है कि 55 बर्ष से अधिक उपनिरीक्षकों एवं उनसे कम रेंक के कर्मियों की ड्यूटी संक्रमित क्षेत्र में न लगाई जाए। एवं उनको फील्ड वर्क देने से बचें साथ ही जो पुलिस कर्मी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं उनको भी संक्रमण क्षेत्रों में न भेजा जाए क्योंकि खतरा अभी कम हुआ है किंतु टला नही है। कोरोना से बचाव के लिए पुलिस मुख्यालय लगातार गाईड लाइन जारी कर रहा है जिसकी निगरानी का जिम्मा एडीजी इंटेलिजेंस को सौंपा गया है जिसके तहत वेक्सीनेसन, सेनेटाइजेसन, और मास्क को प्रमुखता दी गई है साथ ही गिरफ्तार अपराधियों से पूंछतांछ के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं।