25.2 C
Madhya Pradesh
March 18, 2025
Bundeli Khabar
Home » बुंदेलखंड में 400 वर्ष प्राचीन हनुमान जी का रहली में सुनार नदी के किनारे बना दुर्लभ मंदिर
धर्ममध्यप्रदेश

बुंदेलखंड में 400 वर्ष प्राचीन हनुमान जी का रहली में सुनार नदी के किनारे बना दुर्लभ मंदिर

महाबली हनुमान जी को देख यहां किया शनिदेव ने स्वयं स्त्री रूप धारण.!!

बुंदेलखंड के सागर में करीब 400 साल पुराना हनुमान जी महाराज का दुर्लभ मंदिर मौजूद है । जहां हनुमान जी के बाएं पैर के नीचे शनिदेव स्त्री के रूप में लेटे हुए हैं। ज्यादातर श्रद्धालु शनिदेव के स्त्री रूप धारण करने की इस कथा को नहीं जानते हैं लेकिन सागर के रहली का बच्चा-बच्चा आपको बता देगा कि क्यों शनिदेव को स्त्री रूप में आना पड़ा, इस कथा को बयां करती प्रतिमा भी यहां मौजूद है ।
सागर मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित रहली में सुनार नदी के किनारे पर स्थित है बजरंग बली का प्राचीन मंदिर, यहां हनुमान जी को किले वाले दादा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन करता है उसे शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है। मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के पैर के नीचे स्त्री रूप में शनि दिखाई देते हैं। हनुमान के इस रूप के दर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं । मंगलवार को यहां पर पूजन अर्चन करने का विशेष महत्व होता है ।
मंदिर में यहां रक्षा सूत्र बांधने से मनोकामना पूरी होती है यहां हनुमान जी मानव रूप में विराजमान है । वही हनुमान जी के बाएं पैर के नीचे स्त्री रूप में स्थित शनि देव को लेकर वह बताते हैं कि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार एक समय शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था । शनि के कोप से आम जनता भयंकर कष्टों का सामना कर रही थी । ऐसे में लोगों ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि वह शनिदेव के कोप को शांत करें ।
बजरंग बली अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और उस समय श्रद्धालुओं की प्रार्थना सुनकर वे शनि पर क्रोधित हो गए।जब शनिदेव को यह बात मालूम हुई कि हनुमान जी उन पर क्रोधित हैं और युद्ध करने के लिए उनकी ओर ही आ रहे हैं तो वे बहुत भयभीत हो गए । भयभीत शनिदेव ने हनुमान जी से बचने के लिए स्त्री रूप धारण कर लिया ।
शनिदेव जानते थे कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वह स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते । हनुमान जी शनिदेव के सामने पहुंच गए.शनि स्त्री रूप में थे, तब शनि ने हनुमान जी के चरणों में गिरकर क्षमा-याचना की और भक्तों पर से शनि का प्रकोप हटा लिया । तभी से हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव की तिरछी नजर का प्रकोप नहीं होता है. शनि दोषों से मुक्ति के लिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं ।

@पंकज पाराशर, छतरपुर

Related posts

बिजावर दर्दनाक हादसे पर शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्त किया दुख

Bundeli Khabar

पिता ने बेटी को मारी गोली

Bundeli Khabar

सागर:फील्ड आउट रिच कार्यक्रम 

Bundeli Khabar

Leave a Comment

error: Content is protected !!