बिजावर/सुरेश रजक
मध्यप्रदेश की अस्मिता ने समाज सेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण अभियानों और युवा शक्ति संगठन एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से सामाजिक कार्यों में अपना योगदान दिया है, जिससे समाज के कमजोर वर्गों को काफी राहत मिली है।अस्मिता चलो कुछ न्यारा करते है फाउंडेशन की शिक्षा विभाग की सदस्या है, वे विभाग द्वारा चलाया जा रहा प्रोजेक्ट सीकेएनकेएच सुशीक्षा के तहत आर्थिक तौर पे पीड़ित बच्चो को मुफ्त में कोचिंग प्रदान करती है।
इसके साथ ही अस्मिता ने प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वयंसेवकों के साथ मिलकर गरीब, वृद्ध और बेसहारा लोगों की सहायता की। इसके अलावा, छतरपुर जिले में डिप्थीरिया टीकाकरण अभियान में भी उन्होंने अपना योगदान दिया। अस्मिता ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत छतरपुर हवाई अड्डे पर रंगोली बनाकर लोगों को हर घर तिरंगा लगाने का संदेश दिया। इसके माध्यम से उन्होंने देशभक्ति का संदेश फैलाया। कोविड-19 महामारी के दौरान अस्मिता ने वैक्सीनेशन महा अभियान में बूस्टर डोज लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया और उन्हें वैक्सीन लगवाई। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर मास्क वितरण कर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया।चलो कुछ न्यारा करते हैं फाउंडेशन के प्रकृति विभाग द्वारा चलाया जा रहा संडे प्लांटेशन प्रोजेक्ट के तहत
अस्मिता ने वृक्षारोपण अभियान कर पौधारोपण किया और लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा।
उनकी सेवा के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जैसे नेशनल इंस्पिरेशन अवार्ड, संस्कार रत्न सम्मान, रक्त वीर अवार्ड, नेशनल सोशल आईकॉन अवार्ड, अचीवर ऑफ द ईयर अवार्ड, ट्री लवर अवार्ड, नेशनल यूथ बिलियन अवार्ड और प्राइड ऑफ़ यंग हिंदुस्तान अवार्ड। अस्मिता के ये प्रयास न केवल समाज को बेहतर बनाने की दिशा में अहम हैं, बल्कि उन्होंने समाज सेवा में एक नया आयाम स्थापित किया है। उनकी यह यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो समाज की भलाई के लिए कुछ करना चाहता है।
इस अवसर पर अस्मिता को बधाई दिए चलो कुछ न्यारा करते है फाउंडेशन के शिक्षा विभाग के निर्देशक प्रित्तेश तिवारी ने, उन्होंने कहा की अस्मिता की मेहनत और समाज के प्रति उनका योगदान सराहनीय है, फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा प्रोजेक्ट सीकेएनकेएच सुशिक्षा के तहत बच्चो को पढ़ाती आ रही है अस्मिता।