पाटन/संवाददाता
हमेशा से सुर्खियां बटोरने वाला पुलिस थाना पाटन एक बार फिर नए मसले को लेकर सामने आया है विगत 2 दिनों से लापता वृद्ध युवती का शव आज पुलिस थाना से मात्र 1 किलोमीटर और एसडीओपी कार्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर बरामद हुआ है प्रथम दृष्टया यह मामला लूट और हत्या का लग रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चौधरी मोहल्ला पाटन से पिछले दो दिनों से एक वृद्ध युवती उम्र लगभग 90 बर्ष लापता थी जिसकी सूचना परिवारजनों द्वारा पाटन पुलिस को दे दी गई थी किंतु आज सुबह पुलिस थाने से मात्र एक किलोमीटर दूर महुआखेड़ा रोड पर नाले से उक्त महिला का शव बरामद किया गया है।
अगर बात पिछले कुछ दिनों की की जाए तो पुलिस थाने से कुछ दूरी पर ही चोरों द्वारा चोरी की वारदातों को अंजाम दिया गया जिसमें भी पुलिस बल फिसड्डी सिद्ध हुआ, थाना क्षेत्र में अपराध का बढ़ता ग्राफ आम नागरिकों के बीच एक चिंता का विषय बना हुआ है तो वहीं आम लोगों का कहना है कि पाटन पुलिस की व्यवस्था केवल चंद आरक्षकों तक सिमट कर रह गई है और बरिष्ठ अधिकारीगण भी केवल उन्हीं की सोच तक सीमित रह गए हैं अब इसका जो भी कारण हो, चूंकि पाटन पुलिस बल में आरक्षक से लेकर बरिष्ठ अधिकारियों तक केवल रेत, शराब और मवेशी वाहनों का अवैद्ध कारोबार विशेष तौर पर दिखाई देता है ताकि राजस्व में वृद्धि की जा सके।
जहाँ प्रदेश का गृह विभाग पुलिस और जनता के बीच मधुर संबंध बनाने में लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर जमीनी सच्चाई यह है कि पुलिस आरक्षक से लेकर उपनि. तक आम आदमी से सीधे मुँह बात भी करते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम छत्तरपुर निवासी शंकर लाडिया का जमीनी विवाद चल रहा है जिस पर माननीय न्यायालय महो ने शंकर लाडिया के पक्ष में स्थगन आदेश पारित किया है किंतु जिसका आज दिनांक तक क्रियान्वयन नही हो पाया है और न ही कब्जा मिल पाया है जब इस बात की शिकायत लेकर आवेदक पुलिस थाना पाटन जाता है तो थाने में पदस्थ उपनि साहब द्वारा अपनी पुलिसिया कार्यशैली का परिचय देते हुए बोला जाता कि तूँ 100 नंबर नही 1000 नंबर लगा ले पुलिस ऐसे नही आएगी, पुलिस के पास इतना समय नही है कि तुम्हारी जमीन खाली कराती फिरे, जहाँ पुलिस की मुख्य नीति देश भक्ति जनसेवा है वहां ऐसा व्यवहार पुलिस की कार्यशैली पर बट्टा लगाती है।