पाटन/संवाददाता
जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत देश को कैश लैस की दिशा दी है तो वहीं कुछ शासकीय कार्यालय ऐसे भी हैं जहाँ कैश लैश काम नही होते हैं मतलब बिना सुविधा शुल्क लिए कोई भी काम नही किया जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद पाटन वर्तमान में ऐसी ही प्रणाली से चल रही है जहाँ बड़े-बड़े काम तो ठीक छोटे-छोटे काम जैसे कि समग्र आईडी अपडेट, आवास, भवन निर्माण अनुमति, नक्शा पास आदि कार्य भी बिना सुविधा शुल्क नही किए जाते हैं, साथ ही अगर किसी से सुविधा शुल्क नही ले सकते हैं तो उसको नियमों का हवाला दे कर टाल दिया जाता है अचरज की बात तो तब है कि जब ये कृत्य बरिष्ठ अधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों के नाक के नीचे किया जाता है।
गैरतलब है कि बर्ष 2023 चुनावी साल है अगर ऐसे में इस ओर ध्यान नही दिया गया तो सत्तारूढ़ पार्टी को अपनी एक सीट गवानी पड़ सकती है जिसका मुख्य कारण होगा शासकीय तंत्र की उदासीनता एवं परिषद में कार्यरत स्थानीय नुमाइंदे जो अपने स्थानीय होने का फायदा बड़ी खूबी से अदा कर रहे हैं।