बिजावर/संवाददाता
बिजावर नगर की शान कहे जाने वाले मोहल्ले मोहनगंज आज कल गांजे का गढ़ बन गया है, यहां के बच्चे से लेकर युवा वर्ग तक नशे का आदि हो गया, जहाँ एक ओर प्रशासन नशामुक्ति अभियान चलाती है वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधित गांजा जैसा नाश यहां खुलेआम किया जा रहा है, अब सोचने वाली बात यह है कि नशा करने वाले लोगों को यह गाँजा उपलब्ध कहाँ से हो जाता है, औऱ अगर आम लोगों तक इसकी पहुँच हो जाती है तो पुलिस प्रशासन तक क्यों हो पाती।
गैरतलब है कि अभी हाल ही मोहनगंज मोहल्ला में स्थित प्राचीन शिव मंदिर के शिव लिंग को एक युवक द्वारा खंडित कर दिया गया, यदि इस घटना की मूल जड़ को देखा जाए तो वह है नशा, क्योंकि नशे के चलते ही युवा रोहित खरे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया, जिसके चलते उसके द्वारा उक्त घटना घटित की गई।
प्राप्त जानकारी एवं लोगों के बताए अनुसार मोहनगंज मोहल्ले में आराम से गाँजे की पुड़िया मिल जाती है जो नौजवान युवाओं की जड़ों को खोखला कर रही है, किंतु यदि बिचार किया जाए तो इतनी सब घटनाओं के बाद भी पुलिस प्रशासन के कानों पर जूं भी नही रेंगता है और वह अपनी कुंभकर्णी नींद में लिप्त है अब इसका मूल कारण जो भी हो, परंतु यह एक शंका का विषय है कि जहाँ आम लोगों की पहुंच हो जाती है और उन्हें गाँजे की पुड़िया प्राप्त हो जाती है वहीं पुलिस केवल तमाशबीन तमाशा देखती रहती है और गाँजा विक्रेताओं तक पहुंचने में बोनी साबित होती है।