बाहुबलियों पर केंद्र की तिरछी नजर बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की एंट्री पर ब्रेक, नहीं लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव: बेटे अब्बास अंसारी को सपा गठबंधन ने मऊ विधानसभा क्षेत्र से दिया सिंबल.
मऊ विधानसभा क्षेत्र से लगातार 25 पर रहे मुख्तार अंसारी विधायक, 15 वर्षों से जेल में बंद व 3 बार जेल से जीत कर उत्तरप्रदेश विधानसभा में की एंट्री
पंकज पाराशर छतरपुर
मऊ से विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। करीब तीन दशक बाद पहला मौका होगा जब अंसारी यहां से चुनाव मैदान में नहीं होंगे। मुख्तार अंसारी ने अपनी सीट बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी है। सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा ने अब्बास अंसारी को टिकट भी दे दिया है। सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी लगातार पांच जीत दर्ज कर चुके हैं। मुख्तार अंसारी के नहीं लड़ने का फैसला ऐसे समय हुआ है, जब भाजपा इसे लेकर सपा की घेरेबंदी कर रही थी। अब जबकि चुनावी फोकस पूर्वांचल होने जा रहा है, समाजवादी पार्टी नहीं चाहती थी कि भाजपा मुख्तार के नाम पर किसी तरह की घेरेबंदी कर सके। मुख्तार अंसारी 15 साल से जेल में हैं। पंजाब से उन्हें यूपी लाने के बाद बांदा जेल में रखा गया है।
पिछले हफ्ते मुख्तार अंसारी के नामांकन के लिए अदालत से इजाजत भी मांगी गई थी। अदालत ने अन्य लोगों को जेल में जाकर नामांकन प्रक्रिया पूरी करने की इजाजत भी दे दी थी। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन कोर्ट से सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाई थी। मुख्तार अंसारी के लिए सुभासपा के नाम पर नामांकन पत्र लिया गया था। इस बीच सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भी यह कहकर माहौल को गरमा दिया था कि मऊ सदर से मुख्तार या अब्बास दोनों में से कोई भी लड़ सकता है। उन्होंने अपनी विरासत बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी है। अब्बास ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। अब्बास अंसारी ने कहा कि अब उनके पिता व पांच बार से मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी चुनाव नहीं लड़ेगे। उन्होंने राजनीति विरासत को मुझे सौंप दी है। मऊ मेरी अब कर्मभूमि भी रहेगी। पिता की विरासत को आगे ले जाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा। आखिर मुख्तार ने इस तरह का कदम क्यों उठाया, इसके बारे में अब्बास ने बताया कि आज लोकतंत्र की हत्या हो रही है। कुछ उनके खिलाफ साजिश भी हो रही है। ऐसे में वह अब चुनाव नहीं लड़कर मुझे इसकी बागडोर सौंपी है।