अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी,कैसे होगा मरीजों का इलाज
सूर्यप्रकाश तिवारी पट्टी/उत्तर प्रदेश
पट्टी:खुद की सेहत का ख्याल न रख पाने वाले सेठ पन्नालाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आखिर कैसे मरीजों की सेहत को सुधारने की कोशिश कर रहा है अगर आपको इसकी बानगी देखनी हो तो पट्टी नगर स्थित रायपुर रोड पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नजर दौड़ा लीजिए तो खुद ब खुद पता चल जाएगा कि स्थित कितनी भयावह है। आये दिन यहां पर मरीजों द्वारा हंगामा किया जाता है लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जाती है जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थिति बदहाल हो चुकी है ।
डॉक्टर करते हैं मनमानी
सामान्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विकासखंड आसपुर देवसरा मंगरौरा, बाबा बेलखरनाथ धाम और पट्टी विकासखंड के ग्रामीण इलाज के लिए आते हैं जिससे यहां पर काफी भीड़ भाड़ रहता है लेकिन यहां पर डॉक्टर आए दिन नदारद रहते हैं जिससे मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है हालांकि डॉ राकेश अक्सर समय पर दिखाई देते हैं लेकिन दूसरे डॉक्टर कहीं ना कहीं गायब ही रहते हैं ।
डॉक्टर की महंगी दवाओं से परेशान रहते हैं मरीज
पट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ दवाएं तो उपलब्ध है जिसे सभी के लिए समान रूप से लिखा जाता है लेकिन कमीशन खोरी के चक्कर में डॉक्टर महंगी दवाओं को लिखते हैं जिसके देख कर मरीजों के तीमारदार का सर चकरा जाता है कि आखिर किस बात का सरकारी अस्पताल है जब दवा ही इतनी महंगी लिखी जा रही है तो इससे बेहतर तो प्राइवेट अस्पताल ही है।
बिजली जाने से मरीजो की हो जाती हलकानी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जनरेटर तो लगा हुआ है लेकिन अक्सर लाइट गुल हो जाने से बत्ती गुल हो जाती हैं और पंखा बंद हो जाता है जिससे गर्मी में मरीज बिलबिला उठते हैं कई बार इस संबंध में शिकायत की गई लेकिन नतीजा सिफर रहा ।
फोन नहीं उठाते हैं सीएससी अधीक्षक
लोगों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ नीरज सिंह आवश्यकता पड़ने पर मरीजों का फोन नहीं उठाते हैं जिसके कारण कई बार शिकायत करने का मौका भी मरीजों को तथा उनके तीमारदारों को नहीं मिल पाता है हालांकि शिकायत के बाद इसका कोई फायदा भी उन्हें नजर नहीं आता है ।
प्राइवेट पैथोलॉजी से सेटिंग की चर्चा जोरों पर
पट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राइवेट पैथोलॉजी में खून जांच कराने के नाम पर डॉक्टर का कमीशन भी खूब चर्चा का विषय बना रहता है इसलिए थोड़ा सा भी बुखार होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर प्राइवेट पैथोलॉजी पर जांच कराने के लिए भेज देते हैं जिससे उन्हें भारी कमीशन प्राप्त होता है।